चंडीगढ़: आज चंडीगढ़ के सेक्टर 25 के रैली ग्राउंड में चंडीगढ़ के सभी संविदा कर्मी ठंड की परवाह किए बिना अपनी जायज मांगों के समर्थन में चंडीगढ़ प्रशासन, नगर निगम और केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया और प्रशासन और नगर निगम के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। बीच बीच में पूरी गर्मजोशी से अपने हितों की रक्षा के लिए यह नारा गूंजता रहा हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है। अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है व अननाय के विरूद्ध साथ चलो व ठेकेदारी प्रथा बंद करो । चंडीगढ़ के अलग –अलग संगठनों के कर्मचारी नेताओं ने भी अपने इन वर्कर्स की जायज मांगों को जोरदार ढंग से उठाया व समर्थन किया।समस्त चंडीगढ़ के एम.सी, पी.जी.आई व चंडीगढ़ प्रशासन के विभिन्न विभागों में संविदात्मक कर्मचारियों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों को आल कांटरैकचुअल करमचारी संघ,यू.टी चंडीगढ दवारा की ” रोष प्रदर्शन” रैली में संबोधित किया गया। यह रैली लंबे समय से चंडीगढ प्रशासन दवारा लंबित मांगों को पूरा न होने और गैर-पूर्ति करने के एवज में तथा कांटरैकट व आउटसोर्सिंग वर्कर्स की समानता,सामाजिक सुरक्षा व नौकरी की सुरक्षा के लिए व नव वर्ष में शासन व प्रशासन को जगाने के लिए की गई । रैली में कांटरैकट व आऊटसोरसिंग वर्कर्स की समसयाओं पर चर्चा की मांगें निम्नानुसार हैं: – गवर्नमेंट-ई-मार्केटिंग(GeM) पोरटल में आऊटसोरसिँग मैनपावर सेवाओं का बहिष्करण और मौजूदा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का गैर-प्रतिस्थापन व न निकालना और ठेकेदार दवारा पहले वेतन या 50% की मांग का बहिष्कार, श्रमिकों से ठेकेदारों द्वारा GeM के माध्यम से टेंडर बदलने पर सुरक्षा राशि जमा करवाने के लिए शेयर न मांगना। जेबीटी, टीजीटी, पीजीटी, लेक्चरर, अस्सिटेंट प्रोफेसर, क्लर्क, लैब अटेंडेंट, सीनियर लैब अटेंडेंट, फारेस्टर व फारेस गारड के स्वीकृत रिक्त पदों में विज्ञापन में छूट, जिस पर संविदा कर्मचारी लंबे समय से काम कर रहे हैं और किसी केंद्रीय नीति के अभाव में कांटरैकट करमियों के लिए पंजाब नियमितीकरण नीति 2011 अपनाना जो कि उमा देवी बनाम कर्नाटक राज्य के सर्वोच्च न्यायालय(2006) के फैसले के कार्यान्वयन में एक समय उपाय के रूप में बनाई गई CLRA एक्ट 1970 के तहत धारा 25…